ये 10 रूल आपको पता होने ही चाहिए –

ये 10 रूल आपको पता होने ही चाहिए – आजकल लोग पुलिस से काफी डरते हैं और पुलिस बिना कोई रूल फॉलो किये किसी को भी गिरफ्तार करने की कोशिश करती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपको अपने अधिकार नहीं मालूम होते हैं |

ये अधिकार आपको पता होंगे तो पुलिस आपसे डरेगी –

  • crpc की धारा 50 (1 ) के तहत आपको जानने का अधिकार है की पुलिस किस कारन से गिरफ्तार कर रही है आजकल ऐसा बहुत देखने को मिलता है पुलिस बिना कारन बताये गिरफ्तार कर लेती है लेकिन अगर आपके पास ज्ञान है तो आप उससे पूछ सकते है की गिरफ्तार कियूं किया जा रहा है |
  • crpc 46 (1 ) के तहत महिला को केवल महिला पुलिस ही गिरफ्तार कर सकती है |
  • crpc की धारा 46 (4 ) के तहत महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता हैं इसका मतलब ये हुआ की सूरज निकलने के बाद और सूरज डूबने के पहले तक ही किसी महिला को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है |
  • non cognigable offence के मामलों में वारंट देखने का अधिकार – जैसे की offence दो तरह के होते हैं १ cognigable offence 2 incognigable offence | cognigable मतलब जो छोटे छोटे क्राइम होते हैं जैसे किसी के साथ फ्रॉड करना धोखेबाजी करना ऐसे मामले में पुलिस किसी को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती है अगर incongiable मामले में पुलिस गिरफ्तार करने आती है तो तो आपके पास वारंट देखने का अधिकार है जबकि cogniable बड़े क्राइम के मामले में पुलिस किसी को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है |
  • crpc 41 b के तहत अरेस्ट मेमो बनवाने का अधिकार पुलिस जब आपको गिरफ्तार करती है तब आपके पास अधिकार होता है अरेस्ट मेमो बनवाने का ये एक तरह का मेमो होता है इसमें पुलिस को लिखना होता है की पुलिस ने किस जगह से गिरफ्तार किया गया है किस रैंक के अफसर ने गिरफ्तार किया है और गिरफ्तार करने का कारन क्या है साथ ही मेमो पर किसी फॅमिली मेंबर के या मोहल्ले के किसी समझदार व्यक्ति के sign करने होते हैं जिस पर्सन को गिरफ्तार किया गया है उसके भी sign करवाने होते हैं |
  • crpc 50 a के तहत पुलिस को गिरफ्तार किए गए पर्सन की फॅमिली को सुचना देनी होगी पुलिस ने अगर कहीं बाहर से गिरफ्तार किया है या घर से गिरफ्तार किया गया है लेकिन गिरफ़्तारी के समय घर पर कोई नहीं था तो बाद में पुलिस को आपकी फॅमिली रेलिते को इसकी सुचना देनी होगी आपको किस कारन से गिरफ्तार किया गया है और आप इस ठाणे में हैं |
  • पुलिस जब आपको गिरफ्तार कर लेती है तो पुलिस को अधिकार हो जाता है आपको हेल्थ और सुरक्षा का ध्यान रखना
  • crpc 41 d के तहत गिरफ्तार हुए पर्सन को इंट्रोगेशन के दौरान अपने वकील से मिलने का पूरा अधिकार है पुलिस जब आपको गिरफ्तार कर लेती है तो उसके बाद इंट्रोगेशन करती है तो इंट्रोगेशन के दौरान आपको ये अधिकार मिला है की पुलिस से कहें की मुझे अपने वकील से मिलना है और वकील से मिलने से पहले तक मैं आपके किसी सवाल के जवाब नहीं दूंगा उसके बाद पुलिस की जिम्मेदारी बन जाती है की वो वकील को सुचना दे या फॅमिली को सुचना दे वकील हायर करने के लिए |
  • crpc 56 के तहत गिरफ्तार किये गए पर्सन को हिरासत में 24 घंटे से ज्यादा नहीं रखा जा सकता है अगर हिरासत में 24 घंटे से ज्यादा रखना है तो मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी पुलिस जैसे ही आपको गिरफ्तार कर लेती है तो 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना उसका कर्तव्य है |
  • crpc 54 के तहत गिरफ्तार किये गए व्यक्ति के रिक्वेस्ट करने पर पुलिस को उसके मेडिकल टेस्ट कारवाना होता है जब आपकी गिरफ़्तारी होती है तो आपको पुलिस से मांग करनी चाहिए की आपका मेडिकल टेस्ट करवाए आप बता सकते हैं मेरे साथ ये बीमारी है तो पुलिस का कर्तव्य बन जाता है की आपका मेडिकल टेस्ट करवाए आपको कोर्ट ले जाने से पहले मेडिकल करवाया जाता है तो इससे आपको ये फायदा मिलेगा की पुलिस आपके मारपीट नहीं करेगी |

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